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आपको विष्णु पुराण कथा सुनाते हैं विष्णु पुराण से श्रृष्टि रचना कैसे हुई श्रृष्टि रचना कौन सुने
Rakrishna
निज आत्मा का अनुभव होते ही प्रत्येक समय अनंत गुणों की अपनी-अपनी पर्यायों में शुद्धि की वृद्धि होती
𝐒𝐡𝐮𝐝𝐡𝐚𝐭𝐚𝐦𝐚
आत्मज्ञान के फल में केवलज्ञान और पूर्णसुख प्रगट होता है और पुण्य के फल में इंद्रपद और चक्रवर्ती पद म
𝐒𝐡𝐮𝐝𝐡𝐚𝐭𝐚𝐦𝐚