जयगुरूदेव -हे मालिक मैं दीन, आपके अधीन हूँ यहाँ बहुत दुखी हूँ और आप सब प्रकार से समरथ है बचा लीजिये

जयगुरूदेव -हे मालिक मैं दीन, आपके अधीन हूँ यहाँ बहुत दुखी हूँ और आप सब प्रकार से समरथ है बचा लीजिये
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